जानना चाहती हूँ मैं तुम्हें बारिश की बूंद बनकर ! जानना चाहती हूँ मैं तुम्हें बारिश की बूंद बनकर !
भीगते मौसम में वो आसमां से मुझे ना भिगोने की बात करती है....... भीगते मौसम में वो आसमां से मुझे ना भिगोने की बात करती है.......
हर बातो मे गज़ब ढा रही है हर बातो मे गज़ब ढा रही है
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम। कह ना पाए हम तुमको सनम। बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम। कह ना पाए हम तुमको सनम।
कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश वाणी सी क कभी छाँव तो कभी धूप ज़िन्दगी बदले कितने ही रूप ज़िन्दगी, कभी कौवे की कर्कश ...
खंगाल कर अपनी आत्मा को पूछा हमने अपने-आप से ! खंगाल कर अपनी आत्मा को पूछा हमने अपने-आप से !